राजिम– रोहित साहू द्वारा अमितेश शुक्ल , प्रथम पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा विधायक राजिम पर आरोप लगाया गया है कि वे राजिम को जिला बनने नही देना चाहते है, जिस पर पलटवार करते हुए श्री भावसिंह साहू, जिलाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, राजा यशपेन्द्र शाह, छुरा, ओम राठौर, अध्यक्ष, मंडी बोर्ड गरियाबंद रामकुमार गोस्वामी, अध्यक्ष, मंडी बोर्ड राजिम, नरेन्द्र देवांगन, अधिवक्ता एवं उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, चन्द्रहास साहू, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, आनंद मतावले, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, लालचंद मेघवानी, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, राकेश तिवारी, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, समद खान, उपाध्यक्ष, जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद, रूपेश साहू, ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी फिंगेश्वर, मो. हफीज खान, ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) गरियाबंद, प्रेम सोनवानी, ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी (शहर) गरियाबंद युवा कांग्रेस राजिम विधानसभा अध्यक्ष रेवा ओगरे एवम् राजिम विधानसभा महासचिव लोकनाथ यादव इत्यादि कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि रोहित साहू माननीय अमितेश शुक्ल की लोकप्रियता देखकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। उनका यह बयान खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाले मुहावरे को चरितार्थ कर रहा है। वे कहते हैं कि अमितेश शुक्ल राजिम के लोगों को अपना परिवार कहते हैं लेकिन मानते नही, जबकि सच्चाई यह है कि रोहित साहू अपने दादा और अपने पिता से पूछे की सिकासेर बांध के पहले राजिम में जमीन की क्या कीमत थी, और आज क्या है ? आज श्री रोहित साहू और उनका परिवार दो-दो फसल लेकर इस स्थिति में पहुंचे है कि आज उनके द्वारा इस प्रकार का अनर्गल प्रलाप किया जा रहा हैं। शायद उनके दादा ने सन् 1964 के अकाल को देखा ही होगा तो उनको आज सिकासेर बांध की कीमत का पता चलता होगा। उसके साथ साथ छत्तीसगढ़ में जो आज संचारक्रांति हुआ है वो भी स्व. पंडित विद्याचरण शुक्ल जी की ही देन है। वर्तमान विधानसभा भवन भी स्व. विद्याचरण शुक्ल जी की देन है। छत्तीसगढ़ में रेल सुविधा की बात करें या हवाई सुविधा की बात करें किसी भी क्षेत्र में स्व. विद्याचरण शुक्ल जी के योगदान को भुलाया नही जा सकता। रोहित साहू विकास की बात करते है, तो बताये कि आखिर विकास और कैसे होता है ? रोहित साहू राजिम क्षेत्र की विकास की बात करते हैं, तो बताये कि कोमा की सब स्टेशन किसने बनवाया है, जिसके कारण आज राजिम क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त और सुचारू रूप से विद्युत की आपूर्ति हो रही है। शायद उन्हें याद नही, लेकिन ये भी श्री अमितेश शुक्ल जी के कार्यकाल में स्वीकृत हुआ है। श्री अमितेश शुक्ल जी ने अपने कार्यकाल में कई वर्षों से लंबित गनियारी, पीपरछेड़ी, कनेसर एवं पैरीघुमर बांध का व्यक्तिगत रूप से फॉलो करके अनापत्ति दिलवाये है, जिसमें अभी काम चल रहा है, जिसके कारण आज राजिम क्षेत्र के किसानों का आर्थिक विकास संभव हो पाया है। कोई अपने परिवार के लिए और कैसे काम करता है, जरा बतायें ? राजिम क्षेत्र के घटारानी एवं जतमई जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों जहां कुछ समय पहले लोगों का सायकल से चलना भी मुश्किल था, आज वहां पक्की सड़कें बन गई है, वह भी श्री अमितेश शुक्ल जी की अथक प्रयासों से ही संभव हो पाया है। राजिम माघी पुन्नी मेला के दौरान मांस एवं शराब बंदी की मांग कई वर्षों से की जा रही थी, जिसका समर्थन पुरी के शंकराचार्य जी ने भी भाजपा सरकार के समय किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने मेले के दौरान राजिम क्षेत्र में मांस मरीदा बंदी के क्षेत्र में कभी कोई प्रयास ही नही किया, जबकि श्री अमितेश शुक्ल जी के प्रयास से हमारे माननीय श्री भूपेश बघेल की सरकार ने राजिम पुन्नी मेला के दौरान 15 दिनों तक राजिम क्षेत्र में मांस एवं मदिरा बंदी की अभूतपूर्व कार्यवाही की है। रोहित साहू जरा यह भी बता देते कि राजिम क्षेत्र में नहरों की स्वीकृति हेतु करोंड़ो़ रू. की राशि किसने स्वीकृत कराई ? रोहित साहू कहते है कि राजिम को जिला बनाने में अमितेश शुक्ल जी ध्यान नहीं दे रहे हैं तो मैं बता दूं कि अमितेश शुक्ला जी का घर श्यामकुटिर के रूप में ग्राम किरवई में स्थापित है तथा अमितेश शुक्ल एवं उनका परिवार ग्राम किरवई के वोटर है। समय-समय पर अमितेश शुक्ल जी एवं उनका परिवार श्यामकुटिर में निवास भी करते है, ऐसे में यह कहना कि राजिम जिला बने ऐसा अमितेश शुक्ल जी नही चाहते अपने आप में हास्यास्पद है। रोहित साहू ही बताये कि अमितेश शुक्ल को राजिम को जिला बनाने के लिए क्या और किस तरह से प्रयास करना चाहिए। 15 वर्षों से छत्तीसगढ़ में बी.जे.पी की सरकार रही है, तब उन्होंने इस प्रकार का बयान क्यों नही दिया या उनकी पार्टी के नेताओं ने राजिम को जिला बनाने के क्षेत्र में क्या प्रयास किये है, जरा बतायें ? श्री रोहित साहू को पिछले चुनाव में वैसे भी बहुत कम वोट मिले थे, ऐसे छोटे स्तर की राजनीति करके अपना कद और न घटायें, कही ऐसा न हो कि इस बार उनका जमानत ही जप्त हो जाये। शुक्ल परिवार राजिम क्षेत्र की जनता के हृदय में बसा हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात करें तो आज स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना राजिम में कराने का भी श्रेय श्री अमितेश शुक्ल जी को ही जाता है। आज राजीव लोचन महाविद्यालय राजिम में भी विभिन्न विषयों एवं सुविधाओं की स्वीकृति भी अमितेश शुक्ल की ही देन है। रोहित साहू जो पहले कांग्रेस के सदस्य थे, फिर जोगी कांग्रेस में सम्मिलित हुए और जब वहां भी उनकी दाल नही गली तो भाजपा में सम्मिलित हो गये। जो खुद एक राजनीतिक पार्टी के प्रति वफादारी नही निभा सके उनके मुख से परिवार और समर्पण की बात शोभा नही देती। इसलिए रोहित साहू आप अपना दिमाग शांत रखें और इस प्रकार के अनर्गल प्रलाप करके खुद को कष्ट न दे तो बेहतर होगा।
विधायक अमितेष शुक्ल के समर्थको एवं पदाधिकारीयो ने राजिम को जिला बनने नही दे रहे अमितेष शुक्ल बयान पर किया पलटवॉर कहा
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