छुरा। गरियाबंद जिले के विशेष पिछड़ी कमार जनजाति बेटियों को नहीं मिल पा रहा है रोजगार का कोई साधन पढ़ना तो चाहते थे लेकिन गरीबी स्थिति के चलते पढ़ भी नहीं पाये ग्राम पंचायत द्वारतरा के आश्रित ग्राम बम्हनी में निवासरत कमार जनजाति की बेटीया बिना कहीं सीखें खुद से सुई धागा की मदद से कपड़े की सिलाई तैयार कर लेती है उनकी मेहनत को आगे बढ़ाने के लिए मुलाकात करने पहुंचे गरियाबंद जिले के समाजसेवी मनोज पटेल को कुमारी पुनम कुमारी डीगेशवरी दोनों बहने ने बताया उनकी माताजी बहुत पहले बीत गए हैं पापा जी अभी अभी नही रहे बहुत ही गरीबी स्थिति के चलते पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन चला रहे हैं हमें अगर शासन-प्रशासन एक सिलाई मशीन उपलब्ध करा देते हैं तो हम बहनों के लिए रोजगार का एक साधन बन जाता हम बेटियां कहां जाएं किससे मदद मांगे हमें सिलाई मशीन की बहुत ही जरूरत है शासन-प्रशासन से हम दोनो बहने मदद की अपील करते हैं।