CG Gariaband: कलेक्टर दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता गरियाबंद जिला अस्पताल के सभाकक्ष में जीवनदीप समिति अंतर्गत कार्यकारिणी सभा की बैठक आयोजित हुई । बैठक में कलेक्टर ने जीवनदीप समिति के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों एवं विभिन्न एजेंडाओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने बैठक में मरीजों के ईलाज की बेहतर सुविधा एवं जिला अस्पताल में पर्याप्त बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी ली । कलेक्टर ने बैठक में जीवनदीप समिति के बजट की जानकारी लेते हुए आय-व्यय एवं समिति द्वारा नियुक्त कर्मचारियों पर खर्च राशि की भी जानकारी ली। उन्होंने समिति अंतर्गत पिछले दो वित्तीय वर्ष के बचे आय-व्यय का ऑडिट सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने समिति द्वारा नियुक्त कर्मचारियों से भी चर्चा की तथा उन्हें निर्धारित यूनिफार्म में ड्यूटी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने अस्पताल में कार्यरत सभी कर्मियों को मोबाईल से फेस रीडिंग आधारित बायोमैट्रिक्स ऑनलाईन उपस्थिति शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर अग्रवाल ने बैठक में सीआरएम टीम के भ्रमण के समय किये गये कार्य के भुगतान को शीघ्र करने, सीजीएमएससी में जो मेडिसिन एवं लैब सामग्री उपलब्ध नहीं है। उनका क्रय समिति मद से करने, समिति में कार्यरत कर्मचारियों का दैनिक वेतन भोगी दर में रखने, नये कर्मचारियों की भर्ती करने, फायर एक्सीट गेट बनाने, चिकित्सा के दौरान किये जाने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का उचित निपटान के लिए जगह का चिन्हांकन करने एवं चिकित्सालय परिसर में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश दिये। इस दौरान बैठक में सीएमएचओ डॉ गार्गी यदु पाल, सिविल सर्जन डॉ. टी.सी. पात्रा, डॉ हरीश चौहान, डॉ गजेन्द्र ध्रुव, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग रामेश्वर सिंह, पीएचई के कार्यपालन अभियंता विप्लव घृतलहरे, सीएमओ गिरीश चन्द्राकर सहित समिति के सदस्यगण एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
जीवनदीप समिति की बैठक में राजिम विधायक रोहित साहू ने अस्पताल में सभी सुविधाएं व्यवस्थित करने के निर्देश देते हुए मरीजों के ईलाज में कोताही नहीं बरतने को कहा। उन्होंने अस्पताल में सुव्यवस्थित पार्किंग स्टैंड, साफ-सफाई व्यवस्था, ऑक्सीजन प्लांट सक्रियता, सुरक्षा व्यवस्था एवं परिसर में पर्याप्त लाइटिंग करने के भी निर्देश दिये। कलेक्टर ने अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर्स संचालकों से भी जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में चौबीसों घंटे दवाई दुकानों के संचालन करने के निर्देश दिये। साथ ही पर्याप्त मात्रा में सभी प्रकार की दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।