गरियाबंद एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया शिक्षक दिवस,छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों को भेंट किए उपहार

 

गरियाबंद। भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर गुरुवार को शहर के गरियाबंद के एंजेल एंगलो स्कूल में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया. सर्वप्रथम कार्यक्रम का प्रारंभ राधाकृष्णन की चित्र पर स्कूल के शिक्षक एवं छात्र छात्राओं ने माल्यार्पण एवं द्वीप प्रजलित कर किया।और फिर उसके बाद बच्चों के द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया बच्चों के द्वारा प्यारे प्यारे भाषण प्रस्तुत किए गए ड्रामा और नृत्य प्रस्तुत किया गया।

गरियाबंद एंजेल एंग्लो हाई स्कूल में धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया शिक्षक दिवस

बता दे कि आज यानी 5 सितम्बर को प्रति वर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि हमारे देश मे महानतम शिक्षकों और दार्शनिकों में से एक, प्रथम उप राष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति डा सर्व पल्ली राधा कृष्णन का जन्म हुआ था और उनके जन्म दिवस को हमारे देश मे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर स्कूल के समस्त विद्यार्थियों द्वारा अपने अपने कक्षा को सजाया गया तथा शिक्षकों को सम्मानित किया गया तथा शिक्षकों द्वारा जीवन मे शिक्षक और शिक्षा के महत्व के बारे में बताया गया साथ ही साथ स्कूल के होनहार छात्रों और छात्राओं को शिक्षक के रूप मे शिक्षण करने का और प्रदान किया गया जिससे उनके अंदर एक शिक्षक कौशल और गुण का विकास हो सके।एंजेल्स एंगलो स्कूल बहुत ही उत्साह से शिक्षक दिवस मनाया गया कार्यक्रम का संचालन दिया सवैया अनम मेमन 10वीं 12वीं की बच्चों द्वारा किया गया स्कूल के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने संयुक्त रूप से केक काटा।

इस मौके पर स्कूल के प्रचार्य स्टेफ़ड बंस ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में बच्चों को विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षक कभी साधारण नहीं होता। प्रलय और निर्माण उनकी गोद में पलते हैं, शिक्षक भविष्य निर्माता होते है। उन्हे चाहिए कि वो बच्चो की भावना को समझते हुए उनके अनुरूप अपनी शिक्षण पद्धति को तैयार करे, ताकि पढ़ाई बच्चो को बोझ ना लगे, बल्कि उन्हें यह समझाए की शिक्षा उनके जीवन को श्रेष्ठ बनाएगी और आने वाले समय में यह जीवन की मुख्यधारा में लाने में सहायक साबित होगी।

वही इस मौके पर प्राची ने कहा कि भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है. यह दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक, और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।शिक्षक दिवस के इस खास मौके पर, हम उन सभी शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमारी जिंदगी को सही दिशा दी है। शिक्षक केवल पाठ्यक्रम के ज्ञान के ही शिक्षक नहीं होते, बल्कि वे जीवन के पाठों के भी मार्गदर्शक होते हैं. उनकी मेहनत, समर्पण और शिक्षण की कला ने हमें सिखाया कि कैसे अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाएं और समाज में अपनी जगह बनाएं।

वही इस मौके पर क्लास 12th की स्टूडेंट अनम मेमन ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि “समाज में अध्यापक का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परम्पराएँ और तकनीकी कौशल पहुँचाने का केंद्र है और सभ्यता के प्रकाश को प्रज्वलित रखने में सहायता देता है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page