समूचे गरियाबंद अंचल को चाहिए चिकित्सा महाविद्यालय जनस्वास्थ्य की बुनियादी जरूरत

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती और वनांचल जिले गरियाबंद में मेडिकल कॉलेज की माँग अब जनभावना से निकलकर एक ठोस आंदोलन का रूप ले रही है। इस जिले के लोग वर्षों से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा की बाट जोह रहे हैं। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार गरियाबंद जैसे पिछड़े अंचल की सुध ले और यहाँ चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना कर जनस्वास्थ्य को मजबूती दे।

गरियाबंद अंचल की सामाजिक-भौगोलिक आवश्यकता

गरियाबंद जिला नक्सल प्रभावित, आदिवासी बहुल और दुर्गम वन क्षेत्रों से घिरा है। यहाँ मैनपुर, देवभोग, छुरा, फिंगेश्वर और गरियाबंद जैसे ब्लॉक ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ चिकित्सा सुविधाओं की स्थिति अत्यंत सीमित है। गंभीर रोगों या दुर्घटनाओं की स्थिति में मरीजों को 100 से 150 किलोमीटर दूर रायपुर, महासमुंद या धमतरी जाना पड़ता है।

मेडिकल कॉलेज क्यों आवश्यक है?

1. जिला अस्पताल का दर्जा ऊँचा होगा: मेडिकल कॉलेज के साथ बनने वाला अधुनातन हॉस्पिटल गरियाबंद जिला अस्पताल की स्थिति को मजबूत करेगा।

2. गंभीर बीमारियों का इलाज यहीं होगा: कैंसर, हृदय रोग, प्रसव जटिलता जैसे गंभीर मामलों में समय पर इलाज संभव होगा।

3. स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा का अवसर: गरियाबंद अंचल के मेधावी छात्र अब रायपुर-दुर्ग जाकर मेडिकल की कोचिंग व पढ़ाई के बोझ से बचेंगे।

 

4. रोजगार और विकास: चिकित्सा शिक्षा संस्थान बनने से डॉक्टर, स्टाफ, लैब, दवा, छात्रावास, हॉस्टल, दुकान आदि क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित होंगे।

राज्य सरकार की प्राथमिकता में गरियाबंद क्यों?

सीमा क्षेत्र: ओडिशा से लगा यह क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास की दृष्टि से संवेदनशील है।

वनांचल और आदिवासी बहुलता: अनुसूचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के सशक्तिकरण के लिए विशेष नीति लागू होनी चाहिए।

पूर्व में उपेक्षा: पड़ोसी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो चुकी है, लेकिन गरियाबंद अब तक वंचित है।

जनता की आवाज यह हमारा हक है

गरियाबंद के पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, विद्यार्थी संगठन, पंचायत प्रतिनिधि और आम नागरिक लगातार यह माँग कर रहे हैं कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना केवल सुविधा नहीं, एक मौलिक अधिकार है। कई बार जनपद, जिला पंचायत और विधायक मंच से प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।

निष्कर्ष

यदि सरकार सच में “हर जिले में मेडिकल कॉलेज” की नीति को साकार करना चाहती है, तो गरियाबंद उसकी सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। यह कॉलेज न केवल गरियाबंद अंचल बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र को स्वास्थ्य का नया जीवन देगा।

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