
‘गरीबों के पेट पर लात और पीठ में छुरा’
खरगे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि संसद के शीतकालीन सत्र में MGNREGA को समाप्त करके, सरकार ने न सिर्फ करोड़ों गरीब परिवारों को दो वक्त की रोटी से वंचित किया है बल्कि एक ऐसी योजना को भी खत्म कर दिया, जिसने दशकों से ग्रामीण भारत को आर्थिक सुरक्षा दी थी. खरगे ने कहा कि यह कदम सिर्फ गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा नहीं बल्कि उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा क्रूर निर्णय है. (Congress CWC Meeting)
‘ये महात्मा गांधी की सोच का अपमान है’
उन्होंने जोर देकर कहा कि MGNREGA को समाप्त करना महात्मा गांधी की उस सोच का अपमान है, जिसमें ‘सर्वोदय’—यानी सबके कल्याण—की मूल भावना शामिल थी. इसी संदर्भ में उन्होंने सोनिया गांधी के उस बयान का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि MGNREGA का अंत एक सामूहिक नैतिक विफलता है, जिसके मानविक और आर्थिक परिणाम आने वाले वर्षों में करोड़ों लोगों को झेलने पड़ेंगे.
Congress CWC Meeting: राहुल गांधी की मनरेगा भविष्यवाणी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा दावा

Also read – CG Online Tax Pay: घर बैठे टैक्स जमा करें… छत्तीसगढ़ के इन नगर पालिकाओं में ऑनलाइन भुगतान की सुविधा शुरू
‘सरकार को नहीं है गरीबों की चिंता’
इसके बाद खरगे ने UPA सरकार द्वारा संविधान के Directive Principles पर किए गए कामों का जिक्र किया—Right to Work, Right to Food, Right to Education, Right to Health-और कहा कि इनमें से सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले Right to Work पर मोदी सरकार ने संगठित और क्रूर हमला किया है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज सरकार को गरीबों की नहीं, चंद बड़े पूंजीपतियों की कमाई की चिंता ज्यादा है, जबकि महात्मा गांधी हमेशा कहते थे- जो चीज जनता से साझा न की जा सके, वह मेरे लिए वर्जित है.(Congress CWC Meeting)
Also read – Ishan Kishan का बड़ा कदम: विजय हजारे ट्रॉफी में कप्तानी छोड़कर टीम से बाहर, BCCI से जुड़ी वजह सामने आई



