राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना “बिहान” अंतर्गत हीरा निषाद ने हौसलों के बल पर गढ़ी सफलता की कहानी

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना “बिहान” अंतर्गत हीरा निषाद ने हौसलों के बल पर गढ़ी सफलता की कहानी

गरियाबंद : अब नारी न तो अबला है और न ही कमजोर। महिलाओं के प्रति समाज की सोच बदलने लगी है। यह बदलाव उन महिलाओं के दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर आया है, जिन्होंने अपने हौसलों के बल पर मुश्किलों से लड़कर अपने रास्ते खुद बनाए हैं। यही कारण है कि वे महिला सशक्तीकरण की जिले में मिसाल बन चुकी हैं। वह चाहे हीरा हों या रेवती । इनके सामने भी हालात अनुकूल नहीं थे। सामाजिक रुढ़ियों की बेड़ियों ने उनके भी पांव जकड़ रखे थे, मगर उन्हें खुले आसमान में उड़ना था। तरक्की का सफर तय करना था। सफलता की नई कहानी लिखनी थी। दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना था। लिहाजा उन्होंने बेड़ियों को तोड़ दिया। समाज से लड़ीं और फिर आगे बढ़ीं। आज वह उसी परिवार, समाज और गांव का मान बनी हुई है। लोग उन पर फख्र करते हैं। उनकी नजीरें देते हैं। आशा है कि अन्य महिलाओं को उनसे प्रेरणा मिलेगी और खुद की पहचान बनाने में वह सफल होंगी।
भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही है इनमें से कई सारी योजनाएं स्वास्थ्य कृषि और रोजगार से संबंधित होती है इन योजनाओं का गठन भारतीय महिलाओं के परिस्थिति को देखते हुए किया गया है ताकि समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जा सके इनमें से कुछ योजनाएं इनमें से कुछ योजनाएं मनरेगा सर्व शिक्षा अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान बिहान योजना आदि है ।
*राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन “बिहान” योजना अंतर्गत हीरा निषाद ने समूह से जुड़कर सक्रिय महिला कैडर के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन किया इसके बाद धीरे धीरे खेती की ओर रुझान देखते हुए सीआरपी टीम के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर कृषि सखी के रूप में योजना के अंतर्गत कार्य करते करते बैंक लोन और MCP राशि का उपयोग करते हुए पशु पालन, दोना पत्तल यूनिट, अगरबत्ती निर्माण यूनिट, किराना दुकान, हस्तचालित आजीविका एक्सप्रेस के द्वारा 20000 रुपए प्रति माह आय प्राप्त कर रही है जिससे उनके आर्थिक स्थिति में बढ़ोतरी हुआ है । हीरा ने अपने साथ ही साथ अपने मातृ कृपा स्व सहायता समूह को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । समूह के द्वारा आज बिहान योजना से MCP राशि 60000 रुपए एवम बैंक लिंकेज राशि 5 लाख रुपए ऋण लेकर कस्टम हायरिंग सेंटर (कृषि उपकरण ट्रैक्टर एवम ट्राली), दोना पत्तल यूनिट आदि गतिविधियां की जा रही है । जिससे समूह के सदस्यों की भी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। समूह की स्थिति में सुधार होते देख ग्राम के अन्य महिलाए भी समूह में जुड़कर साप्ताहिक बैठक करके साप्ताहिक बचत करके, आजीविका गतिविधि अपनाकर अपने आप को सशक्त करने में लगे हुए है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला पंचायत गरियाबंद के सीईओ.. रोक्तीमा यादव एवं जनपद पंचायत के सीईओ करुण कुमार डहरिया के मार्गदर्शन में आजीविका गतिविधियां के लिए प्रेरित किया गया । जनपद टीम पंकज कुटारे यंग प्रोफ़ेशनल दुर्गेश साहू प्रफुल्ल देवांगन क्षेत्रीय समन्वयक आदि के योगदान रहा ।

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